Essay & Poem

आतंकवाद क्या है ? आतंकवाद का मुख्य उद्देश्य , कारण तथा रोकने के उपाय | What is Terrorism in Hindi | Essay on Terrorism in Hindi

What is Terrorism in Hindi , Essay on Terrorism in Hindi , Terrorism kya hai , Terrorism kya hota hai , Terrorism essay in Hindi

Table of Contents

What is terrorism ? Type of terrorism, cause of terrorism | Terrorism explain in Hindi :-

Hii दोस्तों आज इस ब्लॉग के जरिये आपको बताने वाले हैं आतंकवाद या Terrorism , What is Terrorism in Hindi | Essay on Terrorism in Hindi के बारे में। दोस्तों आतंकवाद पूरी दुनिया में अपने पैर पसार चुका है। आतंकवाद एक घातक बीमारी है, जिसका समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह कैंसर से भी खतरनाक रूप धारण कर सकती है। इसलिए सभी को टेरिरज्म के बारे में जानना अति आवश्यक है। तो दोस्तों यदि आप आतंकवाद के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में लेना चाहते हैं, तो हमारे इस लिखे हुए लेख को पूरा पढ़िये।

आतंकवाद क्या है ?

आतंकवाद मानव सभ्यता पर कलंक है। जो पूरी दुनिया पर अपने हिंसात्मक रवैये से दशहत फैलाना चाहता है।

आतंकवाद का अर्थ किसी विनाशकारी शक्ति द्वारा विभिन्न तरीकों से भय की स्थिति को उत्पन्न करना है। किसी भी प्रकार के आतंकवाद से चाहे वे क्षेत्रीय हों, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय हो सभी के कारण देश में असुरक्षा , भय और संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। आतंकवाद की सीमा कोई एक राज्य, देश अथवा क्षेत्र नहीं है आज यह एक अंतरराष्ट्रीय समस्या के रूप में उभर रही है। आतंकवादियों द्वारा किया गया हिंसात्मक आतंक एक गैर कानूनी तरीका है जो लोगों को कमजोर बना कर उनको डरा धमका रहा है। आतंकवादियों का केवल एक ही उद्देश्य होता है सरकार और देश के लोगों में भय उत्पन्न करके अपनी अनुचित बातों को मनवाना। आतंकवादियों का कोई देश, धर्म तथा जाति नहीं होते हैं।

आतंकवादियों की गतिविधियां :-

सिनेमा घरों, रेलगाड़ियों, एरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, भीड़ भाड़ वाले इलाकों में बम विस्फोट द्वारा आतंक फैलाना एक आम घटना बन गई है। सिनेमा घर में फिल्म देखते समय , एरपोर्ट , रेलवे स्टेशन पर हजारों की तादाद में बम विस्फोट के कारण लोगों की मृत्यु हो जाती है। कई बार आतंकवादी चलती बस को रोककर उसमें बैठे हुए यात्रियों को चुन-चुनकर मार देते हैं जिसकी वजह से लोग बसों में यात्रा करने से घबराते हैं। विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर टाइम बम्ब आदि रखकर आतंक का वातावरण फैलाए रखते हैं। प्रमुख राजनेताओं, अधिकारीयों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को वे अवसर पाकर गोली मारकर मौत के घाट उतार देते हैं। उनके विरोध करने वालों को वे कोई-न-कोई अवसर पाकर या कोई षड्यंत्र रचकर मृत्यु को प्राप्त करा देते हैं।

What is Terrorism in Hindi

आतंकवादी सरकार के सामने प्रत्यक्ष रूप से नहीं लड़ते हैं। क्योंकि वो जानते हैं कि सुद्रण सरकार के सामने ये समूहों में आकर वे हिंसा फैलायेंगे तो स्वयं ही सरकार के चंगुल में फंस जायेंगे इसलिए आतंकवादी किसी भी सरकार व जनता का सामना छिपकर, आतंक दिखाकर, आतंक फैलाकर करते हैं। हमारे यहाँ आतंकवादी किसी सार्वजनिक जगह पर अचानक पहुंचकर अँधा-धुंध गोली-बारी कर देते है। आतंकवादियों का कोई नियम कानून नहीं होता वह केवल अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार के ऊपर दबाव बनाने के साथ ही आतंक को हर जगह फैलाने के लिए निर्दोष लोगों के समूह या समाज पर हमला करते हैं।

आतंकवाद के कारण ( Cause of Terrorism ) :-

आतंकवाद के फैलने का मुख्य कारण गरीबी, जनसंख्या वृद्धि, निरक्षरता, असमानता, बेरोजगारी एवं भुखमरी है। अगर इन सबको समाज में नहीं पनपने दिया जाए तो आतंकवाद पैदा नहीं होगा। भारत कई धर्मों वाला देश है। समाज के अल्पसंख्यक वर्ग के लोग के अंदर भेदभाव और असुरक्षा की भावना रहती है। वे उग्रवादी या हिंसात्मक तरीकों से अपने हिस्से की माँग करते हैं जैसे केन्द्र राज्य में आर्थिक सम्बन्धों के विश्लेषण से स्पष्ट है । भारत में पूर्वोत्तर क्षेत्र में आतंकवाद के पीछे आर्थिक शोषण की शिकायतें हैं।


परन्तु इसके साथ-साथ वहाँ एक अन्य कारण केन्द्रीय शासन द्वारा नागा उग्रवादी तत्वों के प्रति सहानुभूति व किसी रूप में उदार सहायता का निष्क्रिय पड़ोसी समुदायों (जैसे खासी, बोड़ो, मिजो आदि)ध पर भी प्रभाव पड़ा व उन्होंने भी नागाओं के उदाहरण को अपनाते हुए राज्य से अधिक आर्थिक मदद स्वायतता हेतु आंदोलन चलाये। अस्त्र शस्त्र की प्राप्ति के लिए धन आदि की लूटपाट तथा अपहरण आदि के माध्यम से अपनी अनुचित मांगों को पूरा करने की चेष्टाओं में भी ये लोग लिप्त रहते हैं। इस प्रकार हिंसक आतंकवाद का सक्रिय रूप और प्रभाव बड़ा ही घिनौना है।

आतंकवाद के प्रसारित होने के अनेक कारण हैं। लेकिन इसक मुख्य कारण दो हैं। सामाजिक और राजनैतिक अन्याय की की अवधारणा से प्रेरित होकर आतंकवादी अपने उद्येश्य की प्राप्ति के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं। इसक लिए सामाजिक संरचना में अपनी श्रेष्ठता को स्थापित करना तथा राजनैतिक उद्येष्यों की पूर्ति करना, सामाजिक संरचना में अभिप्राय, भाषा, क्षेत्र, जाति, धर्म से है। जहाँ इनकी श्रेष्ठता को अपने पक्ष में स्थापित करने तथा दूसरों पर प्रहार करने से है। वहीं राजनैतिक संरचना से अभिप्राय वर्तमान शासन तंत्र में विश्वास न कर स्वयं के मानदंडों को स्थापित करने के लिए शासन सत्ता का विरोध करना।

आतंकवाद की कोई जाति नहीं होती है। इसलिए यह किसी भी धर्म का सम्मान नही करते हैं।और सभी के लिए भय का पर्याय होता है।आतंकवादी खुद तो सुरक्षा बलों के भय से आतंक की छाया से नरकीय जीवन जीता ही है । वह आसपास अपने रहने वाले लोगों पर भी दया नहीं करते। स्त्रियों के सतीत्व के साथ खिलवाड करना इनका हिंसक पशुओं का आम व्यवहार बन जाता है। ये वैय्क्तिक सामूहिक सभी तरह की हत्याओं जैसे जघन्य अपराध आए दिन करते रहते हैं।

आतंकवाद को रोकने के उपाय :-

आतंकवाद के स्वरूप, कारण, सक्रियता और इसक प्रभाव को देखते हुए इसे समाप्त करने के लिए विश्व स्तर पर प्रयास करने की आवश्यकता है। यदि आतंकवाद स्थानीय कारणों या केन्द्र सरकार के प्रति असंतोष की उपज है तो उन कारणों को ढूंढ कर व उन्हें दूर करके उसका उपचार सहज ही किया जा सकता है। और भी कुछ कारण है जिनको अपना कर आतंकवाद के बीज को पनपने से पहले ही कुचल देना चाहिए। जैसे – बेरोजगारी और गरीबी इन्हें खत्म किया जाए -सरकार प्रयत्न करें यह दोनों चीजें व्यक्ति से कुछ भी करवा सकती हैं। बेकारी तथा बेरोजगारी के कारण परेशान युवाओं को धन का लालच देकर तथा धर्म के नाम पर उकसाने तथा आतंकवाद बनाने का काम धार्मिक कट्टरपंथी संस्थाएं करती रहती है।


भारत सरकार द्वारा आतंकवाद को समाप्त करने के लिए एक मजबूत रणनीति बनाईजानी चाहिए तथा ऐसे कठोर नियम बनाये जाने चाहिए जिससे आतंकी आतंक फैलाने से पहले उसके बारे में सोचें कि ऐसा कुकर्म करेंगे तो इसकी सजा भी हमें मिलेगी।

तथा जहाँ भी अंतर राष्ट्रीय सीमा हमारे देश को छूती है वहाँ पर रेड जोन ( अलर्ट) व हमेशा नाकाबंदी रहनी चाहिए। जिससे आतंकी अपने इरादों में कामयाब ना हो सकें। तथा हथियार, बम, पिस्तौल, नशीले मादक पदार्थ आदि को भी इधर से उधर ना कर सके।

आतंक यहाँ से भी उत्पन्न होता है :- धार्मिक उन्माद अपने विरोधी धर्मावलंबी को सहन नहीं कर पाता। परिणाम स्वरूप हिंदू मुस्लिम हिंदू सीख आदि धर्म के नाम पर अनेक दंगे भड़क उठते हैं। और आतंक का रूप ले लेते हैं। धार्मिक कट्टरता आतंकवादी गतिविधियों को अधिक प्रोत्साहित कर रही है। लोग धर्म के नाम पर एक दूसरे का गला काटने को तैयार हो जाते हैं। विभिन्न देशों तथा भारत में आतंकवादी समूहों के गठन के कारण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। पर इन कारणों में मुख्य रूप से सामाजिक-आर्थिक असमानता, भेदभाव/अलगाव, सत्तारूढ़ दल, धार्मिक उग्रवाद और जातीय राष्ट्रवाद के कामकाज से असंतोष शामिल हैं।

निष्कर्ष :-

आतंकवाद ने समूचे विश्व को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। यदि आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना है तो इसको समाप्त करने के लिए सभी देशों को एकसाथ जुटकर सामने आना होगा, तथा इसक खिलाप पूरे विश्व में जागरूकता फैलानी होगी, कि प्रत्येक हर से कोई व्यक्ति राह भटक कर आतंक का रास्ता ना चुने।इस मुद्दे को सुलझाना अति आवश्यक है। यदि वह दुर्भावना से प्रेरित आतंकवाद है, तो ऐसे आतंकवाद को कुचल देने में ही भलाई है नहीं तो कैंसर का रूप धारण कर लेगा।

Hiiii फ्रेंड्स इस ब्लॉग के जरिये दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इस लेख को शेयर जरूर करें।

x