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बॉडी को डिटॉक्स (अंदर से साफ) कैसे करें – How to detox your body in Hindi | Body detox meaning in Hindi

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शरीर को अंदर से साफ (Detox) रखने के लिए क्या करें ?

आप सभी जानते है कि शरीर को जीतना बाहर से साफ रखना आवश्यक है , उतना ही अंदर से भी साफ रखना आवश्यक है , तो आइए जानते हैं आखिरकार शरीर को अंदर से साफ कैसे रखें How to detox your body in Hindi , Body detox meaning in Hindi , Body detox kya hai , Body Detox Kaise Kare जानते हैं विस्तार से :-

How to detox your body naturally explain in hindi :-

Hii दोस्तों आज के इस लेख में हम बात करेंगे कि हम अपनी बॉडी के अंदर जमी गंदगी अर्थात टॉक्सिंन को कैसे बाहर निकाल सकते हैं , शरीर की आंतरिक सफाई न होने के कारण हमें कई प्रकार की बड़ी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। आयुर्वेद सिखाता है कि किसी भी बीमारी का जड़ कारण है शरीर में गन्दगी का रुकना – चाहें वो कोई भी बीमारी क्यों न हो – मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, अर्थराइटिस, मधुमेह, थाइरोइड, कॉलस्ट्राल, मोटापा , पथरी, दमा ईत्यादि। जो शरीर अंदर से साफ है उसमे कभी कोई बीमारी हो ही नहीं सकती। इसलिए दोस्तों आप भी अपने शरीर से गंदगी बाहर करना चाहते हैं तो पढ़िये इस लेख को।

Body detox meaning in Hindi

Body detox का मतलब ” शरीर को हानिकारक तत्वों से मुक्ति ” होता है ।

How can you get rid of the Waste sitting inside your body :-

How to detox your body in Hindi

शरीर को साफ रखने के तरीके :-

( 1) बॉडी क्लींजिंग (Body Cleansing or Detoxification) :-

डिटॉक्सिफिकेशन का अर्थ है मन और तन, दोनों की शुद्धि। असल में इस भागम-भाग वाली जिंदगी से ब्रेक लेना अत्यंत आवश्यक हो गया है। लाइफ स्टाइल में थोड़ा सा बदलाव लाएं व अपने तन-मन को डिटॉक्स करें।  सिर्फ ब्लड की शुद्धि ही नहीं बल्कि शरीर के सभी अंगों जैसे गुर्दे, लीवर, स्किन और फेफड़ों से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल अंदरूनी शुद्धि होना भी डिटॉक्सिफिकेशन का पूरा प्रोसेस है। इस प्रोसेस में व्रत-उपवास, लीवर स्टिम्युलेशन, पोषक तत्वों, आंतों, किडनी और त्वचा की मदद से ब्लड फ्लो को सही करना शामिल है।

भरपूर पानी पिएँ :-

बॉडी को डिटॉक्स करने का सबसे आसान तरीक़ा है पानी का अधिक से अधिक सेवन । दिनभर में रोज़ाना लगभग 8-12 ग्लास पानी ज़रूर पीएं. ऐसा करने से शरीर में मौजूद विषैले तत्व मूत्र या पसीने के माध्यम से बाहर निकल जायेंगे। बेहतर होगा कि आप पानी को हल्का सा गुनगुना करके पिएं और अगर आप सादा पानी पीना चाहते हैं तो किसी तांबे के गिलास में पानी पीना आपके स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा है। तांबे से बने बर्तन में पानी पीने से पेट के रोग कम होते हैं और शरीर में महत्वपूर्ण मिनरल्स पहुंच जाते हैं, साथ ही वजन भी नियंत्रित रहता है।

फाइबर युक्त सब्जियां खाएं :-

डीटाक्सीफाइ का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप ज्यादा से ज्यादा फल और हरी सब्जियां खाएं। इससे लीवर एंजाइम सक्रिय होंगे और शरीर में मौजूद नुकसानदायक पदार्थो को बाहर निकालने में मदद करेंगे।  ये बॉडी डिटॉक्स करने का तरीका आसान है।

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शुद्ध हवा लें :-

गहरी सांस लें। इससे स्वास्थ्य बेहतर होने के साथ-साथ पूरे शरीर में ऑक्सीजन का भी अच्छे से संचार होगा। इसकी वजह से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और शरीर से गंदगी डिटॉक्सिफाई होती है। इसलिए रोज सुबह उठकर बाहर टहले।

हल्का भोजन करें :-

दिन भर में थोड़े-थोड़े अंतराल पर कुछ न कुछ खाते रहें लेकिन हल्का ही खाएं। ऐसा करने से शरीर में ऊर्जा और स्फूर्ति बनी रहती है। इससे कोलेस्ट्रॉल और शुगर जैसी भयंकर बीमारियां भी नहीं होती हैं। शरीर से टॉक्सिन दूर करने के उपाय में ये कारगर है।

भोजन को चबा – चबा कर खाएं :-

आप जितना भी खाएं, जो भी खाएं, चबा-चबा कर खाएं। अधचबा खाना आपकी पाचन क्रिया को नुकसान पहुंचाता है। जब आप धीरे-धीरे और चबाकर खाते हैं तो आपकी लार इन फूड पार्टिकल्स को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांट कर उन्हें नरम बनाती हैं। यदि पाचन सही रहेगा तो एसिडिटी और कब्ज जैसी शिकायत नहीं रहेगी और न ही आपका वजन बढ़ेगा। 

पूरी नींद लें :-

हमें प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। बॉडी के डिटॉक्सिफिकेशन के लिए नींद भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि नींद पूरी नहीं होगी तो हम दिन भर तनाव में रहेंगे और तनाव की वजह से हमें हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां परेशान करेंगी। डॉक्टरों के अनुसार, जब नींद पूरी नहीं होती तो शरीर में बीटा एमिलाॅइड प्रोटीन बढ़ने लगता है और इस कारण हाइपरटेंशन, अल्जाइमर, एंग्जायटी, मोटापा, डायबिटीज आदि बीमारी होने लगती है।

मसाज थेरेपी लें :-

मालिश भी डिटॉक्सिफिकेशन का काम करती है। मालिश करने से शरीर में रक्त संचार तेज़ होता है और विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। अतः आप भी नियमित मसाज से अपनी बॉडी को डिटॉक्स करते रहें।

एल्कोहल और सिगरेट से बनाएं दूरी :-

शरीर को विषाक्त तत्वों से दूर रखने के लिए आपको सिगरेट-शराब से भी परहेज़ करना होगा. तभी आप अपने शरीर को पूरी तरह से डिटॉक्स कर पाएंगे।

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(2) योग से करें बॉडी को कंप्लीट डेटॉक्स :-


स्वामी रामदेव के अनुसार शरीर में अधिक मात्रा में विषाक्त तत्व हो जाने के कारण मोटापा, एलर्जी, सर्दी, जुकाम, सिरदर्द, मुंहासे, डायजेशन की कमी, बुखार जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जरूरी हैं कि रोजाना योग करके इस समस्या से हमेशा के लिए निजात पा जा सकता है। जानिए आंत, किडनी और फेफड़ों को डिटॉक्स करने के लिए कौन से योगासन और प्राणायाम है कारगर।

नियमित सुबह उठकर हमें 40 मिनट या 1घंटे व्यायाम या योग करना चाहिए। इससे हमारा शरीर स्वस्थ और स्वच्छ होने के साथ साथ मानसिक तनाव भी दूर होता है। हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तो आइये जानते हैं बाबा रामदेव के अनुसार कौन से योग किस शरीर के अंग के लिए लाभकारी हैं-

प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करें :-

  • शरीर को एनर्जी से भर दे।
  • शरीर को डिटॉक्स करे।
  • फेफड़ों में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचाएं।
  • पाचन तंत्र को रखे ठीक।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं।
  • डिप्रेशन दूर करने के लिए फायदेमंद।

ताडासन करें :-

  • फेफड़ों को रखें हेल्दी
  • लंबाई बढ़ाने में कारगर
  • आंत को रखें हेल्दी
  • कब्ज की समस्या दूर करें
  • सांस की बीमारी से निजात दिलाएं

उत्तानपादासन करें :-

  • फेफड़ों को रखें हेल्दी
  • शरीर को सुंदर और सुडौल बनाए
  • गर्दन की मांसपेशियों मे करे खिंचाव
  • तनाव और डिप्रेशन से दिलाए राहत
  • मोटापा कम करने मे करे मदद
  • टीबी, निमोनिया में लाभकारी
  • पाचन शक्ति में लाभकारी

शरीर को डेटॉक्स करने के लिए प्राणायाम:-

  • भस्त्रिका 
  • कपालभाति
  • अनुलोम विलोम
  • भ्रामरी
  • उज्जायी

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(3) सप्ताह में एक या दो बार फास्ट रखें :-

अगर पेट को कुछ आराम मिले तो शरीर की ऊर्जा लौटती है। यही वजह है कि व्रत से डिटॉक्सिफिकेशन की परंपरा रही है। व्रत से आप शरीर को एक अहम बदलाव का संकेत देते हैं। इसके बाद सेहतमंद भोजन आपके शरीर पर तेजी से अच्छा असर डालता है।

व्रत रखने के दौरान फैट बर्निंग प्रोसेस तेज हो जाता है। जिससे चर्बी तेजी से गलना शुरू हो जाती है.फैट सेल्स लैप्ट‍िन नाम का हॉर्मोन स्त्रावित करती हैं। व्रत के दौरान कम कैलोरी मिलने से लैप्ट‍िन की सक्रियता पर असर पड़ता है और वजन कम होता है।

व्रत के दौरान कुछ आवश्यक पोषक तत्वों को लेना जरूरी है वरना व्रत करना आपके लिए तकलीफदेह हो सकता है। व्रत के बाद आप जब भी कुछ खाएं, कोशिश करें कि वो पौष्ट‍िक हो न कि फैट से भरा हुआ.वरना वजन घटने के बजाय बढ़ जाएगा।

जरूरी नहीं है कि जब कोई धार्मिक मौका हो तो ही आप व्रत करें। शरीर की अंदरुनी गंदगी को साफ करने और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने के लिए आप कभी भी सुविधानुसार व्रत कर सकते हैं।

सावधानी रखें :-

जो लोग किसी भी तरह का मेडिकल ट्रीटमेंट ले रहे हैं या हाल-फिलहाल किसी लंबी बीमारी से उबरे हैं, ऐसे लोग बिना अपने डॉक्टर की सलाह के ऐसे व्रत को ना करें। क्योंकि इस फास्टिंग के दौरान कुछ चीजों का परहेज करना होता है।

Note :- अगर आपको कोई भी बीमारी है या किसी भी प्रकार की दवाई खाते हैं तो अपने डॉक्टर को इस बारे में ज़रूर बताएं। यहां दी गयी जानकारी एक शिक्षा के उद्देश्य से दी गयी हैं।

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