Essay & Poem

साइबर क्राइम ( साइबर अपराध) क्या है – साइबर अपराध के प्रकार , साइबर खतरों से बचाव के उपाय – Cyber Crime Kya Hai

Cyber Crime Kya Hai , Cyber Crime Kya Hai in Hindi , Type of cyber crime , Online cyber crime , Cyber crime Essay , Cyber crime Essay in Hindi , Cyber crime definition , causes of cyber crime , Cyber Crime in Hindi Essay , Cyber Crime se kaise bache , www.cybercrime.gov in hindi , Indian cyber crime Phone Number

What is cyber crime? Classification of cyber crime explain in hindi :-

साइबर अपराध क्या है ? Cyber Crime Kya Hai

साइबर क्राइम से अभिप्राय तकनीक का उपयोग कर बिना किसी खून खराबे के किसी देश की सुरक्षा, आर्थिक एवं प्रशासनिक तंत्र को विफल करने से है जिसमें प्रमुख भूमिका कंप्यूटर हैकरों की है। जिस गति से तकनीक ने उन्नति की है, उसी गति से मनुष्य की इंटरनेट पर निर्भरता भी बढ़ी है। एक ही जगह पर बैठकर, इंटरनेट के जरिये मनुष्य की पहुँच, विश्व के हर कोने तक आसान हुई है। आज के समय में हर वो चीज़ जिसके विषय में इंसान सोच सकता है, उस तक उसकी पहुँच इंटरनेट के माध्यम से हो सकती है, जैसे कि सोशल नेटवर्किंग, ऑनलाइन शॉपिंग, डेटा स्टोर करना, गेमिंग, ऑनलाइन स्टडी, ऑनलाइन जॉब इत्यादि। आज के समय में इंटरनेट का उपयोग लगभग हर क्षेत्र में किया जाता है।

Cyber Crime Kya Hai

इंटरनेट के विकास और इसके संबंधित लाभों के साथ साइबर अपराधों की अवधारणा भी विकसित हुई है।प्रारंभिक चरण में साइबर क्राइम पकड़ में नहीं आता है, लेकिन अपने परिणामों के साथ यह सभी की नजर में आ जाता है। इसके माध्यम से, डेटा और जानकारी का अवैध हस्तांतरण किया जाता है, जो किसी व्यक्ति या समूह के लिए गोपनीय आर बहुमूल्य हो सकता है।

साइबर अपराध – समाज के लिए खतरा

साइबर तकनीक का दुरूपयोग देखते हुए अब विशेषज्ञ भी चिंतित है। आज कंप्यूटर का प्रयोग करने वाला हर व्यक्ति कंप्यूटर वायरस के हमले के बारे में जानता है। जब यह खतरा बड़े पैमाने पर हो तो इसकी भयावहता और दुष्परिणाम के बारे में सहजता से समझा जा सकता है। साइबर अपराध एक आपराधिक कृत्य है जो इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर के उपकरण या किसी अन्य स्मार्ट उपकरणों के रूप में इस्तेमाल करते हुए इस काम को अंजाम दिया जाता हैं। हैकर या अपराधीयों के पास इस अपराध को करने के विभिन्न उद्देश्य होते हैं। वे किसी व्यक्ति, किसी संगठन या सरकार को भी नुकसान पहुंचाने के लिए ऐसा कर सकते हैं।

आज रेलवे एयरलाइंस, बैंक, स्टॉक मार्केट, हास्पिटल के अलावा सामान्य जन जीवन से जुड़ी सभी सेवाएं, कंप्यूटर नेटवर्क के साथ जुड़ी है। इनमें से कई तो पूरी तरह से इंटरनेट पर ही आश्रित है। यदि इनके नेटवर्क के साथ छेड़छाड़ की जाए तो क्या परिणाम हो सकते हैं। यह बयान करने की नहीं अपितु समझने की बात है।

अब तो सैन्य प्रतिष्ठानों का काम- काज और प्रशासन भी कंप्यूटर नेटवर्क के साथ जुड़ चुका है। जाहिर है कि यह क्षेत्र भी साइबर आतंक से अछूता नहीं बचा है। इसलिए सूचना तकनीक के विशेषज्ञ साइबर सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं।

साइबर अटैक के प्रकार – Type of cyber crime

(1) मैलवेयर अटैक – मालवेयर एक अवैध सॉफ्टवेयर है जिसे कंप्यूटर या सिस्टम को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया है। यह मतलब की जानकारी तक पहुँचने के लिए या उस सिस्टम का उपयोग करके कुछ अपराध करने के लिए किया जाता है।

(2) फ़िशिंग – इसमें स्पैम ईमेल भेजकर या फेक वेबसाइट के माध्यम से उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करना शामिल है।

(3) मैन-इन-द-मिडल साइबर अटैक (Man-in-the-Middle, MitM) –

किसी भी व्यक्ति या समूह के लिए मैन-इन-द-मिडिल अटैक काफी खतरनाक है। जब हैकर या अटैकर आपके नेटवर्क के बीच खुद को सम्मिलित करने में सक्षम होते हैं, तो वे ट्रैफ़िक को बाधित कर सकते हैं और आपके डिवाइस पर संग्रहीत सभी महत्वपूर्ण डेटा तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। आसान शब्दों में, मैन-इन-द-मिडिल-अटैक तब होता है जब हैकर को आपके नेटवर्क के बीच आने का रास्ता मिल जाता है और इस तरह वो आपके डिवाइस में मौजूद महत्वपूर्ण जानकारी को चुरा सकता है जिसमे आपके बैंक अकाउंट की जानकारी, पासवर्ड और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है।

(4) डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ़ सर्विस (Distributed Denial of Service, DDoS Attack) –

इस हमले का उपयोग आम तौर पर वेबसाइट, ऑनलाइन कंपनी या किसी ऑनलाइन सेवा को क्रैश करने के लिए किया जाता है। हमलावर इस हमले को अंजाम देने के लिए कई प्रणालियों का उपयोग करता है और उन प्रणालियों में वो कंप्यूटर्स भी शामिल है जो मालवेयर से प्रभावित हैं, जिसमे शायद आपका कंप्यूटर या लैपटॉप भी शामिल हो सकता है । DDoS हमले के साथ, हैकर का उद्देश्य पीड़ितों की बैंडविड्थ या सर्वर मेमोरी को समाप्त करना है, जिसके परिणामस्वरूप वेबसाइट या सेवा क्रैश हो जाती है जिससे पीड़ित या लक्षित कंपनी को भारी नुकसान हो सकता है। एक DDoS हमला, हमलावर और पीड़ित व्यक्ति के आधार पर, एक घंटे से लेकर एक महीने तक चल सकता है।

साइबर अपराधों का वर्गीकरण (Classification of Cyber crime)


व्यक्ति विशेष के विरुद्ध साइबर अपराध- ऐसे अपराध, यद्यपि ऑनलाइन होते हैं, परंतु वे वास्तविक लोगों के जीवन को प्रभावित करते हैं। इनमें से कुछ अपराधों में साइबर उत्पीड़न और साइबर स्टॉकिंग, चाइल्ड पोर्नोग्राफी का वितरण, विभिन्न प्रकार के स्पूफिंग, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, मानव तस्करी, पहचान की चोरी और ऑनलाइन बदनाम किया जाना शामिल हैं। साइबर अपराध की इस श्रेणी में किसी व्यक्ति या समूह के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण या अवैध जानकारी को ऑनलाइन लीक कर दिया जाता है।

वैब हाईजैकिंग

यह एक ऐसा अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति की वेबसाइट पर अवैध रूप से सशक्त नियंत्रण कर लिया जाता है। इस प्रकार वेबसाइट का मालिक उस वेबसाइट पर नियंत्रण एवं ज़रूरी जानकारी खो देता है।

बाल यौन शोषण

बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार के मामले इंटरनेट पर भारी मात्रा में देखे जा सकते हैं। छोटे बच्चे ऐसे आपराधिक मामलों में आसान शिकार होते हैं। चूंकि कंप्यूटर घर घर में मौजूद है, इस कारण बच्चों की पहुंच इंटरनेट तक बहुत आसान हो गई है। इंटरनेट पर अश्लील सामग्री बहुत आसानी से उपलब्ध होती है। अपराधी (पीडोफाइल) बच्चों को अश्लील सामग्री देकर ललचाते हैं ताकि वह उनका अनुचित लाभ उठा सकें। अपराधी बच्चों से संपर्क करते हैं, बात करते हैं, मित्रता बढ़ाते हैं, ताकि उनका आत्मविश्वास जीत सके, अथवा उनका शोषण कर सके।

एक संगठन के खिलाफ अपराध – यह अपराध एक फर्म, कंपनी या संगठन के खिलाफ किया जाता है ताकि डेटा तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त हो सके। यह कंपनी के महत्वपूर्ण डेटा और कर्मचारी के विवरण को चुराने या फिर पैसे बनाने के लिए किया जाता है।

सरकार के खिलाफ अपराध – यह राष्ट्रीय डेटा और रिकॉर्ड तक पहुंच प्राप्त करके, राष्ट्र के खिलाफ अपराध करना होता है। यह अपराध मुख्य चिंता का विषय है क्योंकि इसका संबंध राष्ट्र के लोगों की सुरक्षा से है।

एटीएम धोखा – इस अपराध में एटीएम मशीन को पूरी तरह से हैक कर लिया जाता है। अपराधियों द्वारा कार्ड पर अंकित डेटा तथा पिन दोनों तक पहुंचने का तरीका विकसित कर लिया है, इससे वह कार्ड का डुप्लिकेट बनाने में सफल होते हैं और पैसे निकालने के लिए वो उसी का उपयोग करते हैं।

धोखा देना – इस तरह के अपराध में, आपको एक ईमेल मिलता है जो ऐसा लगता है कि किसी प्रामाणिक स्रोत से ही भेजा गया है, लेकिन यह ऐसा होता नहीं है, यह भ्रामक होता है।

साइबर स्टॉकिंग

यह एक ऐसा अपराध है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को बार-बार उत्पीड़न का शिकार बनाया जाता है; पीड़ित का पीछा करके, तंग करके, कॉल द्वारा परेशान करके, संपत्ति के साथ छेड़छाड़ करके। स्टॉकिंग के उपरांत पीड़ित को मानसिक एवं शारीरिक रूप से हानि पहुंचाना मकसद होता है।

साइबर खतरों को रोकने के उपाय – Cyber Crime se kaise bache

कंप्यूटर उपयोगकर्ता साइबर अपराध को रोकने के लिए विभिन्न तकनीकों को अपना सकते हैं –

  • (1) कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं को हैकर्स से अपने कंप्यूटर की सुरक्षा के लिए एक फ़ायरवॉल का उपयोग करना चाहिए।
  • साइबर विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि यूजर्स को केवल सुरक्षित वेबसाइट्स पर ही खरीदारी करनी चाहिए। वे अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी संदिग्ध या अजनबियों को कभी न दे।
  • हैकिंग से बचने के लिए जानकारी सुरक्षित रखें। अधिकांश संवेदनशील फ़ाइलों या वित्तीय रिकॉर्ड के लिए एंक्रिप्शन का उपयोग करें, सभी महत्वपूर्ण जानकारी के लिए नियमित बैक-अप बनाएं, और इसे किसी अन्य स्थान पर संग्रहीत कर लें।
  • कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं को एंटी वायरस सॉफ्टवेयर जैसे McAfee या Norton एंटी वायरस के रूप में स्थापित करने चाहिए।
  • उपयोगकर्ताओं को सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट का उपयोग करते समय सचेत रहना चाहिए। इन नेटवर्क पर वित्तीय लेनदेन के संचालन से बचें।
  • अपने बच्चों को इंटरनेट के बारे में अवगत कराएं, ताकि वे किसी भी दुरुपयोग या उत्पीड़न के बारे में तुरंत अवगत करा सकें, अगर वे ऐसी किसी परिस्थिति से गुजर रहे हैं तो।
  • क्लाउड संसाधनों में डेटा की सुरक्षा के लिए साधन उपलब्ध कराये जाते हैं।
  • अनजान लोगों को फ़ेसबुक पर न जोड़ें. कई बार ऐसा करने से नुकसान भी हो सकता है. प्रोफेशनल लोगों को लिंकडइन पर जोड़ें, फ़ेसबुक पर उनके साथ न जुड़ें |
  • ट्विटर पर ऐसी सेटिंग्स की जा सकती हैं कि आपकी अनुमति के बिना लोग आपको फॉलो न कर सकें. लेकिन, अमूमन लोग ऐसा करते नहीं हैं. सेटिंग्स को ज़्यादा निजी करके आपका अकाउंट ज़्यादा सुरक्षित रह सकता है ।
  • किसी के साथ भी ओटीपी जैसा इंपॉर्टेंट कोड शेयर ना किया जाए। इसके अलावा शॉपिंग के लिए हमेशा SSL प्रयुक्त website इस्तेमाल में लाई जाए।

Indian cyber crime Phone Number

Helpline Number – 155260

 09:00 AM To 06:00 PM

Conclusion :-

इस पोस्ट के माध्यम से हम Cyber Crime Kya Hai से संबंधित सारी जानकारी दी है, अगर दी गई जानकारी आपके लिए लाभदायक हो, तो कृपया इसे दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें । धन्यवाद टीम :- career JANKARI

x