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McAfee Research – हैवी डिस्काउंट के लालच में ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए 56% भारतीय, 60% को चैरिटी-डोनेशन के नाम पर लूटा

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त्योहारों पर मिलने वाले हैवी डिस्काउंट कई बार ग्राहकों पर सही में भारी पड़ जाते हैं। मंगलवार को जारी हुई साइबर सिक्योरिटी कंपनी मैकेफी (McAfee) की रिपोर्ट के मुताबिक 56% भारतीयों को फेस्टिव सेल के दौरान डिस्काउंट स्कैम से ठगा गया जबकि 28.6% लोगों का कहना है कि डिस्काउंट के लालच में उन्होंने फर्जी ऑनलाइन रिटेल साइट पर 15 से 20 हजार रुपए तक गवां दिए।


ईमेल और टेक्स्ट फिशिंग के जरिए बनाया गया लोगों को शिकार

  • ‘ए क्रिसमस कैरोल: स्कैम एडिशन’ नाम के सर्वे में सामने आया कि साल के अंत में होने वाली फेस्टिव सेल्स में भारतीय ग्राहकों को किस तरह से फंसाया जाता है। रिपोर्ट में बताया कि आधे से ज्यादा यानी करीब 53.6% ग्राहक गलत लिंक पर क्लिक करने से इस स्कैम का हिस्सा बनें क्योंकि इन लिंक पर क्लिक करते ही वह नकली साइट पर पहुंच गए, जहां वे ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए।
  • साइबर क्रिमनल गतिविधियां अति संवेदनशील तरह से बढ़ती जा रही है। इसमें ईमेल फिशिंग (25.3%) और टेक्स्ट फिशिंग(21.1%) जैसे तरीकों लोगों को शिकार बनाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं। इन्हीं तरीकों का फेस्टिव सीजन के दौरान भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया।
  • 35.4% भारतीयों ने खुद इस बात को स्वीकार किया कि वे डिस्काउंट स्कैम में फंस चुके हैं, जिसका कारण उन्होंने डिवाइस में गलत फाइल का डाउनलोड होना बताया। पूरे फेस्टिव सीजन के दौरान 60.2% लोग रोबो कॉलिंग और 57.1% सिम जैकिंग जैसाी गतिविधि का शिकार हुए।

  • ऐसा माना जाता है कि भारतीयों के लिए फैमिली वैकेशन पर जाना या यात्रा करना सबसे बड़ा एजेंडा रहता है। सर्वे में सामने आया कि 78.6% भारतीय सीजनल ट्रैवल स्कैम के शिकार हुए। नया तरीका जिसके जरिए ग्राहकों को फेस्टिव सीजन के दौरान शिकार बनाया गया वह है फोनी गिफ्ट कार्ड।
  • करीब 39.3% भारतीयों ने माना कि वे उस साइट पर पहुंचे जहां उनसे नाम, टेलीफोन नंबर और क्रेडिट कार्ड जैसी निजी जानकारियां मांगी गई। वहीं 60.7% भारतीयों को फेक चैरिटी और डोनेशन के नाम पर ठगा गया। सर्वे में सामने आया कि 52.6% लोग जिनकी उम्र 18 से 24 साल के बीच थी को रोमांस स्कैम का सामना करना पड़ा वहीं इसी उम्र के 60% लोगों को ई-ग्रीटिंग के जरिए ठगा गया।
  • मैकेफी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और वाइस प्रेसिडेंट इंजीनियरिंग वेंकट कृष्णापुर ने बाताया कि छुट्टियों पर जाने के लिए भीड़ से बचने के लिए लोग ऑनलाइन बुकिंग को ज्यादा तवज्जो देते हैं, ऐसे में पेमेंट करने के दौरान साइबर अटैक का शिकार हो जाते हैं। जहां ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करते हैं ऐसे में वह डिस्काउंट लेते समय लापरवाह रवैया अपनाते हैं और फिशिंग अटैक, फ्रॉड, नकली वेबसाइट और वायरस के शिकार बन जाते हैं, जहां उनकी निजी जानकारियां आसानी से चुरा ली जाती हैं।


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