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जीवन में खेल कूद का महत्व पर निबंध – Importance of Sports in our life Essay in Hindi | Khel Kud Ka Mahatva

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नमस्ते दोस्तों, स्वागत है आपका कैरियर जानकारी में। फ्रेंड्स आज के टॉपिक में मैं आपको बताने वाली हूँ खेलों के महत्व के बारे में। नियमित खेलों को अपनी लाइफ में अपनाकर स्वयं को शारीरिक व मानसिक रूप से मजबूत बना सकते हैं। तो दोस्तों यदि आप भी खेलों की महत्वता को समझना चाहते हैं, तो इस टॉपिक को अंत तक जरूर पढ़ें।

जीवन में खेल कूद का महत्व पर निबंध – Importance of Sports in our life Essay in Hindi

Khel Kud Ka Mahatva

खेल ( Games)

कहा जाता है कि खेल एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा हम सकारात्मक भावनाओं का निर्माण कर सकते हैं। शोधों ने इस अवधारणा को स्थापित किया है कि खेल एक अनूठा उपकरण है, जिसके द्वारा हम शारीरिक व मानसिक संतुलन को हमेशा बनाये रख सकते हैं। खेल मानव विकास की आधारशिला होते हैं। यही कारण है कि शिक्षा के साथ खेल आवश्यक रूप से जोड़े गये हैं। इनको सभी तरह बढ़ावा दिया जा रहा है। अमेरिका में किये गए सेटन हॉल स्पोर्ट्स पोल से यह बात सामने आई है कि 33 फीसद लोगों ने इस बात को माना है कि खेल के द्वारा मानसिक रोगों से लड़ने में सहायता मिलती है। इसक साथ ही 73 फीसद खेल प्रेमियों ने माना है कि टीवी पर खेल प्रसारण देखने से भी मानसिक स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।

आजकल विद्यालयों में खेल को बहुत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। आज वही बालक जीवन संग्राम में आगे कदम बढ़ा रहे हैं, जिनको खेल के प्रति विशेष लगाव होता है। क्रीड़ा स्थल इस प्रकार का उपवन होता है जहाँ सहयोग, स्पर्धा तथा बन्धुत्व के सुरभित पुष्प विकसित होते हैं। यथार्थ में जीवन को खिलाड़ी की भावना से जीना ही उत्तम तथा श्रेयस्कर है।  हमें पढ़ाई के बराबर खेलों को महत्व देना चाहिए। स्कूल में खेलों को बढ़ावा देने के लिए इसे रेगुलर सब्जेक्ट की तरह नियमित एक्टिविटी करानी चाहिए । खेलकूद मनुष्य के अंदर ऊर्जा तथा चुस्ती, स्फूर्ति लाता है जिससे मनुष्य से आलस्य दूर भागता है और वह अपने दिन भर के कार्यों को खुशी से करता हैं। 

हमारे जीवन में खेलों का विशिष्ट स्थान होता है । जिस तरह से खाना – पीना , कपड़े पहनना तथा दैनिक कार्य करना जीवन के लिए अनिवार्य होता है , उसी प्रकार जीवन को आनंददायक व सुखमय बनाने के लिए खेलना जरूरी होता है। छात्र जीवन में शिक्षा ग्रहण करते समय हम अपने शरीर को स्वस्थ और सबल बनाकर भविष्य में प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

खेलों के प्रकार –

खेल अनेक प्रकार के खेले जाते हैं। आजकल खुले मैदान के बहुत सारे खेल खेले जाते हैं। फुटबॉल, हॉकी, पोलो, कबड्डी, दौड़ तथा घुड़दौड़ इत्यादि शामिल हैं। ये खेल पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं। इस समय संसार में कई प्रकार खेल हैं , जो अपनी रुचि के अनुसार खिलाडियों द्वारा खेले जाते हैं। शतरंज, ताश, चौपड़ आदि को मानसिक खेलों की श्रेणी में रखा जाता है। खेलों का एक भेद और भी है। कुछ खेल बाहर खुले मैदान में खेले जाते हैं तो कुछ कमरे के अन्दर खेले जाते हैं। इनको क्रमशः ‘आउट डोर’ तथा ‘इनडोर’ खेल कहते हैं। आज तो सबसे प्रिय इनडोर गेम्स कम्प्यूटर स्क्रीन पर खेले जाने वाले कल्पित और समय संहारक गेम्स बने हुए हैं।

बीच-बीच में विश्व स्तर पर कई प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है जैसे एशियन गेम्स, ओलंपिक गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स आदि। इन प्रतियोगिताओं में विश्व के बेहतरीन खिलाड़ी भाग लेते हैं और मेडल जीतकर अपने देश के शान को बढ़ाते हैं। तथा छोटे – छोटे बच्चों के लिए प्रेरणा बनते हैं तथा उनमें खेल के लिए हुनर जगाते हैं।

‘ खेलकूद हमें अनुशासन सिखाता है। ‘
‘ स्वस्थ मन स्वस्थ शरीर ।’
‘ खेलकूद मनुष्य को बलवान तथा निरोगी बनाता है। ‘

खेलों से होने वाले लाभ –

भाषायी विकास –

खेल भाषायी विकास में सहायक होते हैं। क्योंकि जब हम राष्ट्रीय स्तर पर खेल आपस में खेलते हैं तो अलग – अलग राज्यों से प्रतियोगी प्रतियोगिता में भाग लेते हैं, जिनकी भाषाएँ एक दूसरे से आपस में भिन्न होती हैं। साथ में खेलने पर हम एक दूसरे की भाषा को समझने लगते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल खेलते हैं, तो खिलाड़ी दूसरे देशों की भाषा को सीखते हैं, और दूसरे देश के लोग हमारी हिंदी भाषा को सीखते हैं। खेल एक तरह की भाषाओं को भी आपस में तालमेल करना सिखाता है।

स्वास्थ्य के लिए खेल की महत्वता –

क्रियाशील या इनर्जेटिक या एक्टिव बालकों में संज्ञानात्मक कौशल का विकास तीव्रता से होता है। निष्क्रिय बालकों की तुलना में वे अच्छी तरह ध्यान केन्द्रित कर पाते हैं और अपने मस्तिष्क का उपयोग भी अधिक अच्छी तरह कर पाते हैं। यह आपके बच्चे को खेलों में भाग लेने के लिए एक बहुत अच्छा कारण है। यदि प्रतिदिन 2 घंटे खेल खेलें याकोई शरीरिक क्रिया करें तो हमारे शरीर में ब्लड का संचार बहुत अच्छी तरीके से होता है , जिससे शरीर के हानिकारक टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं, और हम रोग मुक्त रहते हैं। आऔर खाना ठीक से पचेगा। शरीर की रोगप्रतिकार शक्ति बढ़ेगी।

प्रकति से लगाव –

कुछ खेल ऐसे होते हैं जो जमीन पर खेले जाते हैं। या कहें कि शारीरिक खेल खेलने के लिए मैदान की आवश्यकता होती है। खुले मैदान में खेलने से ताजी हवा मिलती है जो हमारे शरीर के लिए अति लाभदायक होती है। तथा मैदान में खेलने से हम मिट्टी , पानी हवा आदि प्रकति से जुड़ते हैं।

मैत्री भावना –

बच्चे आपस में खेल खेलते हैं। कोई भी खेल अकेले नहीं खेला जा सकता है। उसके लिए मित्र का होना अति आवश्यक है। इससे भी मित्रता बढ़ती है। जब राष्ट्रीय या अंतरस्ट्रीय स्तर पर खेल खेलते हैं। जब एक पक्ष जीत जाता है और एक पक्ष हार जाता है, तो खिलाडी आपस में गले मिलकर बधाई देते हैं। ये मैत्री भावना का संकेत देता है। अतः खेल मैत्री और बन्धुत्व के प्रतीक हैं ।

2021 में महामारी के दौरान खेल देखने से बढ़ती सकरात्मकता –

अध्ययनों से यह भी निष्कर्ष निकला है कि जब आप अपनी प्रिय टीम को खेलते देखते हैं तो आपके शरीर में अच्छे हार्मोन का निर्माण होता है, जिससे इंसान की सोच सकारात्मक हो जाती है। खेल चैनल देखना, भय, चिंता, तनाव आदि को दूर करने में मदद करता है। और महामारी द्वारा लाई गई नकारात्मकता से बहुत राहत देता है। जैसे यूरोप में फुटबॉल ने कोरोना संकट को राहत दी है। जब आप खेल देखते हैं तो आपका ध्यान खेल और खिलाड़ी पर केंद्रित हो जाता है। और डर व तनाव हट जाता है। ऐसे समय में जब लोग महामारी के दबाव में जी रहे हैं, लोगों में सकरात्मक सोच बढ़ान का हर संभव प्रयास करना चाहिए। यह खेल खेलने या देखने से संभव हो सकता है। खेल इसक लिए प्रभावी उपकरण हो सकता है।

अध्ययनों से पता चला है कि जब आप अपनी प्रिय टीम या खिलाड़ी को खेलते हुए देखते हैं तो आपके मस्तिष्क में एंडोर्फिन नाम का एक हार्मोन उत्सर्जित होता है, जिससे आप खुशी की अनुभूति करते हैं। अब समय आ चुका है कि लोग स्पोर्ट्स चैनल के प्रसारण को देखें। आगे चलकर इस बात पर जोर दिया जाये कि लोग मैदान में जाकर किसी न किसी खेल को अवश्य खेलें। इससे न सिर्फ वे तनाव मुक्त और अवसाद मुक्त होंगे, बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य सुधरने के साथ – साथ उनके व्यक्तित्व विकास में भी मदद मिलेगी। खेल न सिर्फ लोगों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखेगा, बल्कि उन्हें मानसिक तौर पर मजबूत बनायेगा, जिससे हमें नकारात्मक्तता से निपटने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष –

खेल मानव जीवन का अभिन्न अंग है। खेल का नियमित अभ्यास करने से हम अधिक ऊर्जावान और स्वस्थ रह सकते हैं। इसक अतिरिक्त हमें प्रत्येक विद्यालय में खेल की एक क्लास रेगुलर करानी चाहिए। जिससे बच्चों में खेल के प्रति भावना जागती है। और बच्चे राष्ट्रीय व अंतरस्ट्रीय स्तर पर खेल खेलकर भारत के लिए मेडल ला सकते हैं, और भारत की शान बड़ा सकते हैं। खेल किसी भी देश के युवाओं का प्रतीक है।तथा  स्वस्थ जीवन ही सफलता प्राप्त करने की कुंजी है, इस तरह खेल हमारे जीवन को सफल बनाने मे सहायक है।

फ्रेंड्स दी गई जानकारी खेलों के महत्व के बारे में ‘ Importance of games in human life ‘ आपको पसंद आये तो दोस्तों सब्सक्राइब कीजिये और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजिये। यदि कोई बिंदु छूट गया है तो नीचे दिये हुए कमेंट बॉक्स में शेयर जरूर कीजिये। धन्यवाद दोस्तों।

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