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विश्व वन्य जीव दिवस (2021) क्या है ? इतिहास तथा महत्व | World wildlife day 2021 | Essay on World Wildlife Day in Hindi

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World Wildlife Day Speech in Hindi – Pdf Download | विश्व वन्यजीव दिवस पर स्पीच

विश्व अद्भुत प्राणियों से भरा है। हवा के पक्षियों से लेकर समुद्र के राजसी व्हेल तक, सबसे असामान्य और अप्रत्याशित स्थानों में वन्यजीवों का बसेरा है। वन्यजीव हमें कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं , और समय से पहले ही मन से निकल जाते हैं। विश्व वन्यजीव दिवस हमारे विश्व के लिए हमारी जिम्मेदारियों और हम इसे साझा करने वाले जीवन रूपों को याद दिलाने का आज दिन है।

World Wildlife Day in India

Thursday , 3 March

विश्व वन्य जीव दिवस 2022 – World wildlife day 2022

3 मार्च को संपूर्ण विश्व में ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ (World Wildlife Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में वन्यजीवों की सुरक्षा तथा वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। ताकि हमारी जैव विविधता बनी रहे और पर्यावरण संतुलित रहे। इसकी शुरुआत 20 दिसम्बर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा की गई थी। विश्व वन्यजीव दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में जागरूकता, सहयोग और समन्वय स्थापित करना है। यह दिन हमें वन्यजीव के खिलाफ होने वाले अपराध और मानव द्वारा उत्पन्न विभिन्न व्यापक आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों के कारण प्रजातियों की घटती कमी के खिलाफ लड़ने की जरुरत की याद दिलाता है। 

World wildlife day

विश्व वन्य जीव दिवस ( 2022 ) की थीम – World wildlife day 2022 theme

विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर इन प्रजातियों के संरक्षण और निरंतर प्रबंधन और भविष्य की पहलों के लिए  प्रतिवर्ष लोगों को अलग-अलग थीम के माध्यम से प्रकृति से विलुप्त हो रहे जीव, प्रजातियों और प्राकृतिक वस्तुओं का संरक्षण करने हेतु जागरूक किया जाता है। इस साल (2022 ) के वन्य जीव दिवस की थीम आधारित है –

विश्व वन्यजीव दिवस 2022 की थीम है- पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना (Recovering Key Species For Ecosystem Restoration) विश्व वन्यजीव दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में वन्यजीवों की सुरक्षा और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है |

इस ग्रह अर्थात पृथ्वी को जीवंत बनाये रखने के लिए मनुष्यों के साथ – साथ बेजुबान पशु – पक्षी पेड़ पौधों का रहना अत्यंत आवश्यक है।

आज जीव जंतुओं तथा पेड़ पौधों की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसलिए पारिस्थितिक तंत्र के प्राकृतिक वैभव की रक्षा करना और पृथ्वी पर प्रत्येक जीवित प्राणी के साथ सह-अस्तित्व की एक प्रणाली विकसित करना हमारा तत्काल कर्तव्य है।

विश्व वन्य जीव दिवस का इतिहास : History of World Wildlife day in hindi :-

विश्व वन्यजीव दिवस के दिन इन सभी प्रजातियों का विश्व की जैव-विविधता में अति महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए आभार जताया जाता है। ताकि हमारी जैव विविधता बनी रहे और पर्यावरण संतुलित रहे वन्यजीवों की अनुपस्थिति में पृथ्वी का पारिस्थितिकीय संतुलन बिगड़ सकता है।

इतिहास( History ):- History of World Wildlife Day

यू. एन. जी. ए. प्रस्ताव (UNGA Resolution):-

20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 68वें अधिवेशन में वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करने एवं वनस्पति के लुप्तप्राय प्रजाति के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए 3 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व वन्यजीव दिवस मनाने की घोषणा की yeथी।

विश्व वन्यजीव दिवस अर्थात 3 मार्च के दिन, पूर्व में वर्ष में 183 देशों द्वारा सम्मिलित रूप से संकटग्रस्त जीवों तथा वनस्पतियों की रक्षा के लिए साइट्स ( CITES) यानी कि ‘कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एन्डेंजर्ड स्पेसिज़’ पर हस्ताक्षर किये गये थे।

विश्व वन्यजीव दिवस’ का प्रस्ताव प्रथम रूप से थाईलैण्ड द्वारा वर्ष 2013, बैंकाक में, साइट्स (CITES) के 16वें अधिवेशन के दौरान दिया गया था, एवं इसी के परिणाम स्वरुप, 20 दिसम्बर 2013 को यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली द्वारा 3 मार्च को प्रतिवर्ष ‘विश्व वन्यजीव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की गई। वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने हेतु सर्वप्रथम साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था।

विश्व वन्य जीव दिवस क्यों मनाया जाता है?

वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति दुनिया भर के लोगों को जागरूक करने और वनस्पति के लुप्तप्राय प्रजाति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 3 मार्च को हर साल विश्व वन्य जीव दिवस मनाया जाता है। प्रकृति मानव जीवन का आधार है. मनुष्य सभ्यता के विकास से ही प्रकृति पर निर्भर है और प्राकृतिक संसाधनों का  प्रयोग करता है। हाल ही के दशकों में मानव सभ्यता ने प्राकृतिक संसाधनों का बहुत अधिक दोहन शुरू कर दिया गया. बड़े-बड़े जंगलों को ख़त्म कर दिया गया। ऐसे ही कितने ही जीव-जंतुओं का शिकार इस हद तक किया गया कि वह विलुप्त होने की कगार में हैं और कुछ तो विलुप्त भी हो गए। प्रदुषण लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे प्रकृति में नकारात्मक बदलाव हो रहा है और ग्लोवर वार्मिंग जैसे भयावह परिणाम देखने को मिल रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में प्रकृति और वन्य जीव जंतुओं की रक्षा के लिए विश्व वन्यजीव दिवस मनाना बहुत जरुरी हो जाता है. जिससे पूरी दुनियां को प्रकृति और वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूक किया  जा सके। हम आशा करते हैं कि आप भी इस दिन से संकल्प करेंगे और प्रकृति के बचाव के लिए जो भी जरुरी है करने का प्रयास करेंगे।

पिछले वर्ष ब्राजील के अमेजन के जंगलों में लगी आग तथा आस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग से बहुत से जंगली जानवरों की जान चली गई और ढेर सारी पेड़ पौधों की प्रजातियाँ लुप्त हो गई। जिससे ग्लोबल वार्मिंग पर काफी ज्यादा नुकसान हुआ है।

विश्व वन्य जीव दिवस का महत्व :-

वन्यजीव मानव अस्तित्व के समय से ही धरती पर उपस्थित हैं, तथा एक- दूसरे के जीवन का अभिन्न अंग भी बन चुके हैं।वन्यजीवों से हमे भोजन तथा औषधियों के अलावा भी अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे कि वन्यजीव जलवायु को संतुलित रखने में सहायता करते हैं। ये वर्षा को नियमित रखने तथा प्राकृतिक संसाधनों की पुनःप्राप्ति में सहयोग करते हैं ।विश्व हर संभव माध्यम से अद्भुत प्राणियों से भरा है। हवा के पक्षियों से लेकर समुद्र के राजसी व्हेल तक, सबसे असामान्य और अप्रत्याशित स्थानों में वन्यजीवों का बसेरा है।

वन्यजीवों को खोना हमारी सामर्थ्य से बाहर है, क्योंकि धरती पर मानव जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए वन्यजीवों तथा पेड़-पौधों की उपस्थिति अनिवार्य है। वन्यजीवों के बिना धरती सिर्फ एक सूखे-उजाड़ ग्रह की भांति होगी, जिस पर जीवन मुमकिन नही होगा।

वन्यजीवों के संरक्षण का अर्थ सभी जीवों और फूलों की प्रजातियों के लिए एक कंबल संरक्षण नहीं है; इसके बजाय, यह पौधों और जानवरों के गुणन पर एक उचित, विवेकपूर्ण नियंत्रण का अर्थ है, जो मनुष्य को एक उचित वातावरण प्रदान करने के लिए एक साथ बातचीत करता है जिसका अस्तित्व आज संकट में है। अतीत में पृथ्वी के प्राकृतिक और जैविक संसाधनों के तर्कहीन उपयोग के कारण, अधिकांश वन्यजीव पुनः प्राप्ति से परे नष्ट हो गए हैं। अतः वन्यजीवों की रक्षा करके हम स्वयं की सुरक्षा तथा इस ग्रह के लंबे समय तक के अस्तित्व को सुनिश्चित कर सकते हैं।

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